अश्वगंधा के फायदे!

आयुर्वेद के अनुसार उपचार के लिए अश्वगंधा का उपयोग आज से ही नहीं बल्कि कई वर्षों से ही किया जा रहा हैं।यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण  औषधि हैं।ऐसे में बीते कई हजारों वर्ष अश्वगंधा का उपयोग कई गंभीर बीमारियों के लिए किया जा रहा हैं।आयुर्वेद के विशेषज्ञों के मुताबिक अश्वगंधा के बारे में बताते हुए कई ऐसी जानकारियां दी गई हैं जिसका पता शायद ही किसी को हो।अश्वगंधा का इस्तेमाल कई सारी शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए भी किया जाता हैं।अश्वगंधा में सेहत के लिए ऐसे कई छोटे-बड़े गुण होते हैं,जो कि समयानुसार आपको काम आते हैं।

देश विदेश में अश्वगंधा के कई प्रकार होते हैं।लेकिन अश्वगंधा की पहचान करने के लिए आपको इसके पौधों को मसलने पर घोड़े के पेशाब जैसी गंध आती हैं।इसकी ताजी जड़ में यह गंध अधिक तेज होती हैं।जंगल में पाए जाने वाले पौधों की तुलना में खेती के माध्‍यम से उगाए जाने वाले अश्वगंधा के गुण अच्‍छे होते हैं।तेल निकालने के लिए अश्वगंधा का पौधा ही अच्‍छा माना जाता हैं। 

अब आपको अश्वगंधा के और भी बहुत से गुणों के बारे में बताते हैं जिसके बारे में आपको अभी तक जानकारी नहीं हैं।

 

 तनाव को कम करने में मददगार

आजकल की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोग तनाव जैसी समस्या से लगातार जूझ रहे हैं।ऐसे में आपके जीवन में तनाव के कई कारण हो सकते हैं। आपको अगर तनाव, चिंता, मानसिक समस्या हैं तो अश्वगंधा का सेवन आपके तनाव को कम करने में आपकी सहायता करता हैं।अश्वगंधा में मौजूद औषधीय गुण तनाव को दूर करने में आपकी सहायता करते हैं।अश्वगंधा में एंटी-स्ट्रेस गुण होता हैं जो आपको तनाव से भी राहत दिलाता हैं।

नींद ना आने की समस्या को दूर करता हैं।

आप यदि रात में सोते समय बिस्तर पर करवट बदलते रहते हैं तो इसका मतलब यह हैं कि आपको अच्छी नींद नहीं आती हैं।ऐसे में अश्वगंधा का सेवन इस समस्या के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता हैं।एक अध्ययन के मुताबिक ऐसा बताया गया हैं कि अश्वगंधा की पत्तियों में ट्राइथिलीन ग्लाइकोल नाम का यौगिक मौजूद होता हैं,जो पर्याप्त और सुकून भरी नींद लेने में सहयोग करता हैं।

कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार साबित हो सकता हैं।

अश्वगंधा का सेवन करने से दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा कम हो जाता हैं क्योंकि इसमें पाए जाने वाले एंटीआक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण कोलेस्ट्रॉल को कम करने में आपकी सहायता करते हैं।इसका सेवन करने से दिल की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और बेड कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कम करता हैं।

डायबिटीज के खतरे को कम करता हैं।

आज लोग डायबिटीज से धीरे-धीरे ग्रसित हो रहे हैं।यह एक ऐसी बीमारी हैं इसका इलाज सिर्फ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी से ही संभव हो सकता हैं।अश्वगंधा का सेवन करने से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता हैं।

लिवर रोगों से करें बचाव

अश्वगंधा में पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण लिवर में होने वाली सूजन की समस्या दूर करने में मददगार साबित होता हैं।यह आपकी सूजन को कम करता हैं। आप अगर रात में सोने से पहले दूध के साथ इसका सेवन करते हैं तो काफी फायदेमंद होगा।यह फैटी लिवर की समस्या को भी दूर करता हैं।इसका सेवन करने से लिवर हानिकारक टॉक्सिन्स के बुरे असर से बचता हैं और लिवर को डिटॉक्स भी करता हैं।

कैंसर से करें बचाव।

अश्वगंधा का इस्तेमाल कई सारी बीमारियों के लिए किया जाता हैं।इसमें खतरनाक और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी भी शामिल हैं।अश्वगंधा का सेवन करने से घातक बीमारीयों से भी बचा जा सकता हैं। इसमें मौजूद एंटी-ट्यूमर गुण वैकल्पिक उपचार के लिए बहुत अच्छा माना गया हैं।

अश्वगंधा आपके दिमाग की मेमोरी किभी सहायता करता हैं।

एक अध्ययनों से ऐसा पता चलता हैं कि अश्वगंधा, किसी चोट या बीमारी से होने वाली याद्श्क्ती और दिमाग की समस्याओं को सही करने में आपकी काफी सहायता करता हैं।ऐसे में बहुत से शोधों से यह भी पता चला हैं कि यह एंटीऑक्सिडेंट गतिविधि को बढ़ावा देता हैं जो तंत्रिका कोशिकाओं को हानिकारक मुक्त कणों से भी बचाता हैं।50 वयस्कों पर आठ सप्ताह तक किये गए एक अध्ययन से ऐसा पता चला हैं कि 300 मिली ग्राम अश्वगंधा की जड़ का अर्क दिन में दो बार लेने से सामान्य याददाश्त कार्य प्रदर्शन और ध्यान में भी सुधार पाया गया हैं।

रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाने के लिए अश्वगंधा का सेवन करें।

आपके शरीर के रोग प्रतिरोधक कि क्षमता बेहतर नहीं होगी,तो ऐसे में बीमारियों से लड़ना मुश्किल हो जाता हैं।वैज्ञानिक अध्ययनों के मुताबिक,अश्वगंधा के उपयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार आ सकता हैं। अश्वगंधा में मौजूद इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव आपके शरीर की जरूरत के हिसाब से प्रतिरोधक क्षमता में बदलाव कर सकता हैं, जिसे रोगों से लड़ने में सहायता मिलती हैं।इसलिए, ऐसा माना जाता हैं कि अश्वगंधा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता हैं।

त्वचा की समस्या के लिए

श्रृंगीयता के कारण आपकी त्वचा सख्त और रूखी हो जाती है।अश्वगंधा का उपयोग श्रृंगीयता के इलाज में किया जाता हैं।इसकी समस्या से छुटकारा पाने के लिए दिन में दो बार पानी के साथ तीन ग्राम अश्वगंधा लें। त्वचा को मूलायम रखने के लिए यह कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देता हैं और प्राकृतिक त्वचा तेलों की वृद्धि में मदद करता हैं।अश्वगंधा में  कुछ स्तर के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो झुर्रियों,काले धब्बे जैसे उम्र बढ़ने के संकेतों से लड़ने में आपकी सहायता करते हैं। 

बालों के लिए

अश्वगंधा आपके शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को कम करके बालों के गिरने को नियंत्रित रखते हैं।अश्वगंधा बालों में मेलेनिन की हानि को रोक कर समय से पहले ही बालों के ग्रे होने को रोकता हैं।अश्वगंधा में टाइयरोसीन हैं,जो एमिनो एसिड हैं और वो आपके शरीर में मेलेनिन के उत्पादन को उत्तेजित भी करता हैं।

अश्वगंधा से बालों की जड़ें मज़बूत होती हैं।अश्वगंधा और नारियल के तेल से बनाया गया तेल जो रोज़ बालों पर लगाने से बाल नहीं झड़ते हैं। 

अश्वगंधा को गिलोय में मिलाकर लगाने से भी हड्डियों को सहारा मिलता हैं।बालों को संभालने के लिए और इससे बाल भी मज़बूत होते हैं।

कम नींद मिलने पर तनाव पैदा होता हैं।कम सोने से तनाव और चिंता भी बढ़ती हैं और जिससे ज़्यादा बाल झड़ते हैं।ऐसा कहते हैं कि अश्वगंधा से अच्छी नींद आती हैं और वो चिंता को कम करता हैं और बाल झड़ने का मुख्य कारण यह भी हैं कि काफी लंबे समय से चला आ रहा यह तनाव से ग्रस्त वयस्कों का अध्ययन करने पर पता चला हैं कि अश्वगंधा लेने से अनिद्रा और चिंता कम होती हैं।

आंखों की बीमारी के लिए अश्वगंधा

आंखों से जुड़ी बीमारियों का शिकार आज हर कोई बन रहा हैं जैसे मोतियाबिंद कि यह बीमारी के मामले बढ़ते हि जा रहें हैं।ऐसे में कई लोग मोतियाबिंद से अंंधे तक हो गए हैं।वैज्ञानिकों ने अश्वगंधा को लेकर शोध किया हैं कि उनके अनुसार,अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो मोतियाबिंद से लड़ने में आपकी मदद करते हैं। अध्ययन में ऐसा पाया गया हैं कि अश्वगंधा मोतियाबिंद के खिलाफ प्रभावशाली तरीके से काम कर सकता हैं। यह मोतियाबिंद को बढ़ने से रोकने में कुछ हद तक लाभकारी भी हो सकता हैं।अश्वगंधा का इस्तेमाल आपकी आंखो की रोशनी को बढ़ाने का काम करता है। इसे रोज दूध के साथ लेंने से आंखो के साथ साथ स्ट्रेस से भी बचा जा सकता हैं।