शिमला के जाखू हिल के बारे में !

जाखू मंदिर हिमाचल प्रदेश के राज्य में शिमला में स्थित एक प्रमुख मंदिर हैं।यह मंदिर जाखू पहाड़ी पर स्थित हैं।यह मंदिर शिवालिक पहाड़ी श्रृंखलाओं की हरी-भरी पृष्ठभूमि के बीच में हैं।यह शिमला का सबसे ऊँचा स्थल हैं।जाखू मंदिर प्राचीन स्थानों में से एक हैं और इसका उल्लेख कई पौराणिक कथाओं में किया गया हैं।यह पर्यटकों के लिए एक रहस्यमयी दृश्य प्रदान करता हैं।

जाखू मंदिर भगवान हनुमान जी को समर्पित किया गया हैं।यह स्थल शिमला में देखे जाने वाले मंदिरों में से एक हैं।जो  तीर्थयात्रियों और भक्तों के साथ हर उम्र और धर्मों के पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता हैं।

इस मंदिर में हनुमान जी की एक बड़ी प्रतिमा हैं।जो शिमला के अधिकांश हिस्सों से दिखाई देती हैं।यह मंदिर शिमला में रिज से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।यह मूर्ति देश की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक हैं।जो 33 मीटर108 फीट ऊंची हैं।इस मूर्ति के सामने आसपास लगे बड़े-बड़े पेड़ भी बौने लगते हैं।इस मंदिर के बारे में पौराणिक कथा हैं कि लक्षमण को पुनर्जीवित करने के लिए संजीवनी बूटी खोजने के लिए जाने से पहले भगवान हनुमान कुछ देर आराम करने के लिए इस मंदिर वाले स्थान पर रुके हुए थे। 

जाखू मंदिर का प्रवेश शुल्क

जाखू मंदिर के दर्शन पूरी तरह मुफ़्त हैं।

मंदिर के खुलने का समय

जाखू मंदिर के दर्शन सुबह 5 से दिन के 12 बजे तक और  शाम को 4 से रात के 9 बजे तक हैं।

जाखू मंदिर में घूमने के लिए समय 

जाखू मंदिर के दर्शन करने के लिए आपको लगभग एक से दो घंटा लग सकता हैं।

जाखू मंदिर की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय। 

शिमला में इतना शानदार मौसम रहता हैं आप वर्ष में कभी भी घूमने के लिए जा सकते हों और यह एक शानदार पर्यटन स्थल हैं।शिमला में मार्च से जून के बीच गर्मी के महीनों में 20 डिग्री सेल्सियस का  तापमान रहता हैं।वहां जुलाई के दौरान  उसके बाद वहां बारिश का मौसम और भारी बारिश के कारण यात्रा करना असुविधाजनक हो सकता हैं। फिर आप सितंबर से लेकर जनवरी तक सर्दियों के महीने सुखद और शांत होते हैं।ऐसे मौसम में कभी-कभी बर्फ की बौछारों के साथ  ठंडी भी ज्यादा हो सकती हैं।

जाखू मंदिर में दशहरा समारोह भी मनाया जाता हैं।

हिंदू महाकाव्य रामायण में भगवान हनुमान के वीरतापूर्ण पराक्रम को याद रखते हुए मनाया जाता हैं।जाखू मंदिर में दशहरे विजयदशमी का त्योहार अक्टूबर से सितंबर के महीने में बहुत ही धूम-धाम से मनाते हैं।दशहरा राजा रावण पर भगवान राम को विजय के रूप में मनाया जाता हैं।

जानिए सूरत के डच गार्डन के बारे में।

सूरत में डच गार्डन सबसे प्रमुख पर्यटक आकर्षण हैं।डच गार्डन सूरत के नानपुरा में स्थित हैं।इस पार्क की अद्भुत सुंदरता के अतिरिक्त इसका इतिहास भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं।ये उद्यान एक यूरोपीय शैली में डिजाइन किया गया हैं।

यहां बगीचे के किनारे पर बहने वाली तापी नदी शाम और सुबह की सैर का आनंद लेने के लिए आकर्षक हैं।

वैसे तो अतीत में, डच गार्डन अंग्रेजी और डच लोगों के लिए एक आरामगाह के रूप में कार्य करता था जहां वे रहते थे। 

इस उद्यान का इतिहास बहुत दिलचस्प हैं।स्वतंत्रता से पहले,कई अंग्रेजी और डच यात्री सूरत आए थे और व्यापार स्थापित किया था।एक बड़ी जगह में उन्होंने अपने व्यवसाय को सेटल किया और वो स्थान हैं जिसे आजकल डच गार्डन के रूप से भी जाना जाता हैं।

इस बगीचे में अंग्रेजी और डच कब्रिस्तान हैं।इसमें विशाल मकबरे,विशाल गैलरी और सुंदर स्तंभ हैं।यह शानदार स्तंभ उस शक्ति और महिमा को दर्शाते हैं,जो अंग्रेज और डच भारत लाए थे।डच व्यापारि के सम्मान में बगीचे को श्मशान घाट के रूप में स्थापित किया गया हैं।आप जगह के शांत वातावरण में भी टहल सकते हैं और शांति से आराम करने वाली आत्माओं कि प्रार्थना कर सकते हैं।

डच गार्डन जाने का सबसे अच्छा समय

यहां जलवायु और सागर द्वारा प्रमुखता से संचालित किया जाता हैं।यहां शहर में  प्रचुर मात्रा में वर्षा होती हैं।वैसे डच उद्यान का दौरा करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और मार्च के महीनों के बीच होता हैं।

सूरत के डच गार्डन जाने का समय

डच गार्डन जाने का समय

  • सुबह 8:00 से 12:00 बजे तक
  • दिन में 3:00 से 11:00 बजे तक।

डच गार्डन सूरत एंट्री शुल्क:

  • वहां कोई शुल्क नहीं हैं।

डच गार्डन के पास घूमने की जगह।

महादेव मंदिर

आपकी सूरत की यात्रा और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करना सबसे अच्छा विचार हैं।गल्तेश्वर महादेव मंदिर जो लोकप्रिय मंदिरों में से एक हैं।आप वहां बारह ज्योतिर्लिंगों में श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।इस मंदिर को लाल पत्थरों से खूबसूरती से तराशा गया हैं।तापी नदी के तट पर स्थित हैं।नदी के उथले पानी में आप डुबकी लगा सकते हैं।

  • समय: सुबह 6:00 से शाम 8:00 बजे तक।
  • प्रवेश शुल्क: INR 50

सारनाथ राष्ट्रीय उद्यान

परिवार के साथ एक अच्छा वक्त बिताने के लिए एक शानदार जगह जो प्रकृति और वन्य जीवन के साथ खिलना जो सूरत में हैं सारनाथ राष्ट्रीय उद्यान। वहां पर असाधारण वास्तुकला,अभिनव लेआउट और रंगीन परिदृश्य आपकोआश्चर्यचकित करते हैं। 

  • समय: सुबह 10:00 से शाम 5:00 बजे तक
  • प्रवेश शुल्क: 12 वर्ष से अधिक आयु के लिए।

पुराना किला

मुहम्मद बिन तुगलक द्वारा निर्मित किए इस किले ने पुरुषों को भीलों के क्रूर हमले से बचाया हैं।इस किले में मजबूत दीवारों और लोहे की सलाखों के साथ एक प्रभावशाली वास्तुकला भी हैं।इस प्राचीन शहर के इतिहास में तल्लीनता और इसके लिए भव्य किले शहर के केंद्र में एक विशेष स्थान रखता हैं।

  • समय: सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक।
  • प्रवेश शुल्क: कोई शुल्क नहीं हैं।